शिक्षा का स्तर
शिक्षा का स्तर
आज हमारे देश मे अलग अलग स्तर पर पढ़ाई हो रही है अलग अलग विभागों में अच्छे स्तर की पढ़ाई हो रही है आज इस समय मे शिक्षा का स्तर दिन व दिन बढ़ता जा रहा है और हमारे देश के नागरिक देश मे नही विदेश में भी अलग अलग विभागों में उच्च स्तर पर कार्यरत है आज किसी भी विभाग की बात करते है हमारा देश एक ऊंचे स्तर पर खड़ा है
उच्च शिक्षा स्तर के कारण हम कही न कही आज देश की संस्कृति हमारे मानव धर्म हमारे शास्त्रो को पीछे छोड़ चुके है ये वो चीज है जो हमे जीने का सही तरीका सिखाती है और एक दूसरे का सम्मान करना सिखाती है
पहले की शिक्षा की अगर हम बात करे तो पहले के समय मे शिक्षा का स्तर कम था बहुत कम लोग देश से दूर ( विदेशों ) में जाते थे लगभग ना के बराबर, उस समय पढ़ाई का स्तर ज्यादा नही था लेकिन एक दूसरे का सम्मान करना एक दूसरे से प्यार से बोलना और अपनी संस्कृति को बनाये रखना तहज़ीब वाले कपड़े पहनना और भी बहुत सारी बाते है पहले के समय मे लोग पढ़ाई करते थे मानवता की,एक दूसरे के आदर की ,एक दूसरे की इज़्ज़त करने की और भी बहुत सी बातें है जो उस समय सभी को एक दूसरे से जोड़कर रखती थी और जीवन जीने का सही सलीका सिखाती थी और पहले के लोग धार्मिक कार्यो में भी ज्यादा बढ़ चढ़कर हाथ बटाया करते थे और अपने देश की संस्कृति का अपने धर्म ग्रंथो का सम्मान किया करते थे ये तो पहले के समय की शिक्षा के बारे में कुछ बाते आपको बताई थी आइए हम आगे आज के समय की शिक्षा के बारे में बात करते है
वही पर अगर हम सभी आज के समय की बात करे तो आज के समय मे देश का नागरिक शिक्षा में बहुत आगे है अलग अलग विभागों में उच्च स्तर पर कार्य कर रहे है लोग आज शिक्षा में जितना ऊपर उठता हुआ जा रहा है उतना ही नीचे गिरता जा रहा है मानवता में,हमारी संस्कृति को बचाने में और धर्म ग्रंथो को पढ़ने में चाहे वह किसी भी धर्म को मानता हो वह अपने धर्म के बने हुए ग्रंथो को पढ़ने में बहुत पीछे है जो कही न कही हमारे देश की संस्कृति की पहचान है जिसे आज का नागरिक खोता जा रहा है जो बहुत ही गलत है आज का मानव शिक्षा में आगे होने के साथ अश्लीलता दिखाने में बहुत आगे है,लोगो का निरादर करने में बहुत आगे है , लोगो की इज़्ज़त ना करने में बहुत आगे है ,अपने से बड़ो को उल्टा सीधा बोलने में बहुत आगे है वह ये सब गलती इसलिए कर रहा है क्योंकि अगर वह अपने धर्म ग्रंथो को पढ़ता तो शायद कभी ऐसा नही करता क्योकि हमारे शास्त्र हमे जीने का सही तरीका सिखाते है एक दूसरे का सम्मान करना सिखाते है मानवता सिखाते है
शिक्षा में उच्च होने से आप कभी बड़े( यहां बड़े का अर्थ शिक्षा के स्तर से नही है मानवता के पाठ से है ) नही हो सकते है अगर आप बड़े हो सकते हो तो एक दूसरे का सम्मान करने से,मानवता के पथ पर चलने से , लोगो से प्यार के साथ पेश आने से और हमारे शास्त्रो को पढ़ने से जिससे हम बहुत आगे जा सकते है शिक्षा में ,
बस यही स्तर है शिक्षा का हमारे देश मे आज के समय मे नागरिक को अगर आगे बढ़ना है इन सभी बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जिससे शिक्षा के साथ आपका स्तर भी बहुत ऊंचा होगा
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आज हमारे देश मे अलग अलग स्तर पर पढ़ाई हो रही है अलग अलग विभागों में अच्छे स्तर की पढ़ाई हो रही है आज इस समय मे शिक्षा का स्तर दिन व दिन बढ़ता जा रहा है और हमारे देश के नागरिक देश मे नही विदेश में भी अलग अलग विभागों में उच्च स्तर पर कार्यरत है आज किसी भी विभाग की बात करते है हमारा देश एक ऊंचे स्तर पर खड़ा है
उच्च शिक्षा स्तर के कारण हम कही न कही आज देश की संस्कृति हमारे मानव धर्म हमारे शास्त्रो को पीछे छोड़ चुके है ये वो चीज है जो हमे जीने का सही तरीका सिखाती है और एक दूसरे का सम्मान करना सिखाती है
पहले की शिक्षा की अगर हम बात करे तो पहले के समय मे शिक्षा का स्तर कम था बहुत कम लोग देश से दूर ( विदेशों ) में जाते थे लगभग ना के बराबर, उस समय पढ़ाई का स्तर ज्यादा नही था लेकिन एक दूसरे का सम्मान करना एक दूसरे से प्यार से बोलना और अपनी संस्कृति को बनाये रखना तहज़ीब वाले कपड़े पहनना और भी बहुत सारी बाते है पहले के समय मे लोग पढ़ाई करते थे मानवता की,एक दूसरे के आदर की ,एक दूसरे की इज़्ज़त करने की और भी बहुत सी बातें है जो उस समय सभी को एक दूसरे से जोड़कर रखती थी और जीवन जीने का सही सलीका सिखाती थी और पहले के लोग धार्मिक कार्यो में भी ज्यादा बढ़ चढ़कर हाथ बटाया करते थे और अपने देश की संस्कृति का अपने धर्म ग्रंथो का सम्मान किया करते थे ये तो पहले के समय की शिक्षा के बारे में कुछ बाते आपको बताई थी आइए हम आगे आज के समय की शिक्षा के बारे में बात करते है
वही पर अगर हम सभी आज के समय की बात करे तो आज के समय मे देश का नागरिक शिक्षा में बहुत आगे है अलग अलग विभागों में उच्च स्तर पर कार्य कर रहे है लोग आज शिक्षा में जितना ऊपर उठता हुआ जा रहा है उतना ही नीचे गिरता जा रहा है मानवता में,हमारी संस्कृति को बचाने में और धर्म ग्रंथो को पढ़ने में चाहे वह किसी भी धर्म को मानता हो वह अपने धर्म के बने हुए ग्रंथो को पढ़ने में बहुत पीछे है जो कही न कही हमारे देश की संस्कृति की पहचान है जिसे आज का नागरिक खोता जा रहा है जो बहुत ही गलत है आज का मानव शिक्षा में आगे होने के साथ अश्लीलता दिखाने में बहुत आगे है,लोगो का निरादर करने में बहुत आगे है , लोगो की इज़्ज़त ना करने में बहुत आगे है ,अपने से बड़ो को उल्टा सीधा बोलने में बहुत आगे है वह ये सब गलती इसलिए कर रहा है क्योंकि अगर वह अपने धर्म ग्रंथो को पढ़ता तो शायद कभी ऐसा नही करता क्योकि हमारे शास्त्र हमे जीने का सही तरीका सिखाते है एक दूसरे का सम्मान करना सिखाते है मानवता सिखाते है
शिक्षा में उच्च होने से आप कभी बड़े( यहां बड़े का अर्थ शिक्षा के स्तर से नही है मानवता के पाठ से है ) नही हो सकते है अगर आप बड़े हो सकते हो तो एक दूसरे का सम्मान करने से,मानवता के पथ पर चलने से , लोगो से प्यार के साथ पेश आने से और हमारे शास्त्रो को पढ़ने से जिससे हम बहुत आगे जा सकते है शिक्षा में ,
बस यही स्तर है शिक्षा का हमारे देश मे आज के समय मे नागरिक को अगर आगे बढ़ना है इन सभी बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जिससे शिक्षा के साथ आपका स्तर भी बहुत ऊंचा होगा
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